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Month: May 2022

जीवन मूल्यों का अवलम्बन ही सकारात्मकता हैं।

मनुष्य जीवन  अनमोल हैं। प्रकीर्ति हमें स्वीकार्य और अस्वीकार्य कर्मो  के   अनुशासन में बांध रखा हैं। इन्हीं नियमों के तहत जीवन की गति चलती हैं। भगवतगीता हमें हमारे कर्मो को बहुत ही स्पष्ट रूप से समझाया हैं. कर्म और Read more…


असहजता

प्रकीर्ति ,समय की प्रतिकूलता ही , बिपत्तिकाल हैं।   हर मोड़ पर परिस्थितिओं , की असमानता , कठोरता से भावनाओं को दमन करती हैं।   साथी मन  ही परवाह कर सकता हैं , उस क्षण की , कोलाहल और तड़प Read more…


खोंइछा

खोंइछा एक रस्म हैं,जो बेटी की शादी के बाद ससुराल के लिए बिदाई के वक्त निभाया  हैं। यह लोक परम्परा हैं , पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रहीं हैं। इस रस्म में हरी दुब ,धान ,हल्दी की गाँठ ,सिंदूर ,जीरा Read more…