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Category: आस्था

जीवन मूल्यों का अवलम्बन ही सकारात्मकता हैं।

मनुष्य जीवन  अनमोल हैं। प्रकीर्ति हमें स्वीकार्य और अस्वीकार्य कर्मो  के   अनुशासन में बांध रखा हैं। इन्हीं नियमों के तहत जीवन की गति चलती हैं। भगवतगीता हमें हमारे कर्मो को बहुत ही स्पष्ट रूप से समझाया हैं. कर्म और Read more…


गीता जयंती पर एक विचार

  अगहन मास  की शुक्ल पक्ष की एकादसी तिथि मोक्षदा एकादसी कहलाती हैं। मान्यता है की द्वापर युग में इसी दिन कुरुक्षेत्र में भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।  यह दिन गीता जयंती के रूप में मनाई जाती Read more…


भिखारी और उन्नति का सूत्र

  भिखारी को भीख देना हम अपना कर्त्वय समझते हैं। चलो कुछ रूपए  दे कर हम उसका उपकार कर देते हैं। ऐसी ही सोच हमारे अंदर होती हैं। कुछ ज्यादा विचार करने पर यही आता हैं , हट्टा -कट्टा हैं Read more…


नवरात्र एक संकल्प

    या देवी सर्वभूतेषु ,मातृरूपेण  संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तयै नमो नमः।।    ‘‘माँ , जगदम्बा , हे पराम्बा  आपको मेरा नमस्कार हैं  , करबद्ध हो कर हम आपसे विनती कर रहे हैं , माँ आपके शरण में हैं। हे Read more…