कभी खेत खलिहान बगीचा , टिल्हा
क्रीडा- स्थली होती थी ,
झूला – झुलनेवालो की,
पेंगे बरी होती थी ,
चीका कबड्डी ,
छुआ -छुई , गुल्ली- डंडा ,
कित- कित , गोटी ,
क्या कंचे थे ,
मजे के वो लम्हे, सिमट गए ,
सोसाइटी पार्क में ,
अब तो बंद , ड्रइंग रूम बन गए
डांस फ्लोर , क्रिकेट पिच ,
क्या होगा बच्चों और बुजुर्गो का,
जब उनके कदम नापने का ,
दायरा सिमट जायगा ,
क्या होगा ?
Manju roy
Author, लेखिका -मंजू कुमारी राय।
इस ब्लॉग में हिंदी भाषा में ऐसे कई विषय है , जिन पर इन्होने अपने लेखन के माध्यम से अपनी विचार वयक्त किये है। ऐसे विषय जो की वयक्तित्व और सामाजिकता पर आधारित है , सरल तरीको से इन्होने अपनी बात रखी है।
इन्होने (RB Shiksha) नाम से शैक्षणिक कार्य हेतु एक माध्यम स्थापित किया है , जो वर्तमान में इस क्षेत्र में कार्यरत है।
शिक्षा - स्नातक ( प्रतिष्ठा ) समाजशास्त्र ( मगध विश्वविद्यालय , बिहार )
विशेष रूचि - योगा, लेखन , बागवानी ,
प्रकाशित पुस्तक -" व्यक्तित्व को सम्भाले " (amazon kindle)