भागते थे कदम
August 23, 2020
भागते थे कदम ,घर के बाहर
छुपा -छुपी खेलने को ,
फुटबॉल खेलना था, ग्राउंड में ,
स्लाइड करना था ,
सब कुछ तय था,
धमाचौकड़ी करनी थी ,
एम्बुलेंस ,
आयी थी आज, कोई बीमार हुआ ,
अरे , बीमार क्या हुआ ,
कोरोना तो नहीं,
बच्चे सहम गए ,
मम्मा कोरोना आ गया ,
बाहर मत जाओ ,
काट लेगा ,
घर में बालकनी ड्रइंग रूम ,
यही खुश हैं , टीवी , मोबाइल ,
इनके यारी है ,
बाबा बाहर चले,
ना – ना कोरोना आया,
हाय रे कोरोना,
प्राकर्तिक रूप से ,
बदल रखा है,
बंद घर से परहेज करनेवाले भी,
घर में बंद है,