गाँधी जयंती पर विशेष ,संकल्प शक्ति को जाने।
October 2, 2021
महात्मा गाँधी जन्मजात महात्मा नहीं थे। उन्होंने एक चीज को समझा था ,वह अपने अंदर की संकल्प शक्ति को जिसका उन्होंने आश्रय किया। सबको पता हैं, की जो वह कर पाए ,जो कोई एक आदमी करने की सोच भी नहीं पाता। कईयों उदाहरण भरा पड़ा हैं,जिसे देखा जा सकता हैं। यहाँ देखने की जरुरत हैं की आदमी दिनभर निरंतर कई विचारों को जन्म देता हैं। मानव मस्तिष्क में निरंतर विचारों का आवागमन बना रहता हैं। उस विचार से अपने काम की बातों का दोहन करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए और उससे शक्ति प्राप्त करनी चाहिए। जो इंसान इस प्रक्रिया से उदासीन होता हैं ,उसके हाथ से अवसर छूटता जाता हैं। विचारों से शक्ति मिलती हैं। भावनाएँ उसका पोषण करती हैं। उत्तम विचार और शुद्ध भावना से किया गया काम यज्ञ के सामान होता हैं,जिसमे श्रद्धा से निष्ठापूर्ण कर्म की आहुति देते हैं ,प्रतिफल हमें सफलता का मिलता हैं। इस क्रिया में आलोचनात्मकरूप में अनेकोनेक बाधा उपस्थित होती हैं ,जो यज्ञ की प्रज्वलित अग्नि में जल कर नष्ट हो जाते हैं।
दुःख और सुख जीवन में ही होते हैं। सुख में सुखी और दुःख में दुःखी संसार होता हैं ,वैसे में दुःख होने पर हमें टुटना नहीं चाहिए। कठोर वचन और छल का प्रयोग कोई भी कर सकता हैं। हमें अपने आपको संतुलित और जागरुक रखना होगा .ध्यान देना चाहिए की सतत अभ्यास ही हमें हर चुनौती से मुकाबला करने के लायक बनाती हैं।